Akash Kumar:दिवाली भारतीय संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, जो खुशी, उल्लास, और नई शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार जहां घरों और दिलों में उजाला लाता है, वहीं मिठाइयों, नमकीन, और अन्य खाद्य पदार्थों का भी एक अहम हिस्सा होता है। लोग अपने प्रियजनों को मिठाइयां और तोहफे देकर अपने रिश्तों को और भी मजबूत बनाते हैं। हालांकि, हर साल इस समय में बाजार में मिलावट की समस्या भी बढ़ जाती है। मिलावटी खाद्य पदार्थ न केवल सेहत के लिए हानिकारक होते हैं, बल्कि त्योहार की खुशी को भी कड़वाहट में बदल सकते हैं।
मिलावट की समस्या
दिवाली के समय मिठाइयों और खाने-पीने की वस्तुओं की मांग अत्यधिक बढ़ जाती है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कुछ असामाजिक तत्व सस्ते और घटिया सामग्रियों का इस्तेमाल कर खाद्य पदार्थों में मिलावट कर देते हैं। दूध, मावा, घी, और तेल जैसी मुख्य सामग्री में मिलावट आम बात है। इनमें डिटर्जेंट, सिंथेटिक दूध, वनस्पति घी, और केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक होते हैं।
मिलावटी खाद्य पदार्थों के दुष्प्रभाव
मिलावटी मिठाइयां और खाद्य पदार्थ खाने से कई प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे पेट दर्द, उल्टी, दस्त, एलर्जी, और यहां तक कि फूड पॉइज़निंग। लंबे समय तक मिलावटी उत्पादों का सेवन करने से लीवर और किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा, कुछ मामलों में मिलावट की वजह से जान का भी खतरा हो सकता है।
सतर्कता की जरूरत
दिवाली की खुशियों को बरकरार रखने के लिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है। कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां अपनाकर हम मिलावट से बच सकते हैं:
मिठाइयों का चुनाव करते समय ध्यान रखें:
हमेशा ब्रांडेड और प्रतिष्ठित दुकानों से ही मिठाइयां खरीदें। खुली हुई या बहुत सस्ती मिठाइयों से परहेज करें।
पैकेज्ड फूड का इस्तेमाल करें:
आजकल पैकेज्ड मिठाइयां और खाद्य पदार्थ कई कंपनियों द्वारा पेश किए जाते हैं, जो गुणवत्ता और स्वच्छता का ध्यान रखते हैं। पैकेज पर ‘FSSAI’ का चिन्ह और एक्सपायरी डेट देखकर ही खरीदारी करें।
घरेलू मिठाइयों को प्राथमिकता दें:
अगर संभव हो तो घर पर ही शुद्ध सामग्री का इस्तेमाल कर मिठाइयां और अन्य खाद्य पदार्थ तैयार करें। यह न केवल सुरक्षित होता है, बल्कि इसे बनाने की प्रक्रिया में परिवार के साथ बिताया समय भी आनंदमय होता है।
रासायनिक रंगों से सावधान रहें:
मिठाइयों और नमकीन में केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रकार की वस्तुओं से बचने के लिए प्राकृतिक रंगों वाली मिठाइयां चुनें।
जागरूकता फैलाएं:
हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह मिलावट के खिलाफ जागरूक रहे और दूसरों को भी इसके बारे में जानकारी दें। अगर किसी दुकान या व्यक्ति पर मिलावट का शक हो, तो स्थानीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सूचित करें।
दिवाली का असली आनंद तभी है जब यह स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ मनाई जाए। मिलावट से बचकर हम इस त्योहार को सचमुच खुशियों और समृद्धि का प्रतीक बना सकते हैं।